अब नहीं तोड़ती पत्थर वह…

घर के आँगन में पत्थर लगने का काम होना था। ठेकेदार से मेरी सारी बातचीत हो चुकी थी। तभी गेट…

Continue Reading →

कल और आज (लघुकथा)

कल और आज (लघुकथा) कल – सात-आठ बरस की अंजलि उछलती-फुदकती अपने पापा की ऊँगली पकड़े घर की ओर चली…

Continue Reading →

ये भी राजकुमार… (लघुकथा)

राजकुमार (लघुकथा)   वो भी तो है एक राजकुमार। अपनी माँ की आँखों का तारा, उसका लाडला, उसका राजकुमार… घर…

Continue Reading →

रानी (लघुकथा)

गर्मी की तपती दोपहर। पाउडर-क्रीम, लिपस्टिक, काजल, से भरा भारी सा बैग कंधे पर लटकाए, घर-घर दरवाज़े खटकाती रानी। किसी…

Continue Reading →

आतंक से मुक्ति जारी…

अभिनंदन विंगकमांडर! ‘आज रह-रहकर आँखें फिर से छलकी जाती हैं! ये दुःख के नहीं, बहुत सारी ख़ुशी, और गर्व के…

Continue Reading →

चुनावी प्रेम

सुना है, कल रोज़ डे पर गुलाब की जगह कमल बांटे गए सुना है, आजकल प्रेम का रंग भी लाल-गुलाबी…

Continue Reading →

याद-ए-जलियाँ

“याद-ए-जलियाँ” “Yaad-e-Jallian” (New Museum at Redfort) आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर लाल किले पर प्रधानमंत्री मोदी जी…

Continue Reading →

लोहड़ी की धूम के बाद… (लघुकथा)

उसकी आँखों में सपनीली सी चमक थी। सखी-सहेलियों के साथ लोहड़ी की धूम मचाकर घर वापस आई थी। घर लौटते…

Continue Reading →