घर के आँगन में पत्थर लगने का काम होना था। ठेकेदार से मेरी सारी बातचीत हो चुकी थी। तभी गेट…
कल और आज (लघुकथा) कल – सात-आठ बरस की अंजलि उछलती-फुदकती अपने पापा की ऊँगली पकड़े घर की ओर चली…
राजकुमार (लघुकथा) वो भी तो है एक राजकुमार। अपनी माँ की आँखों का तारा, उसका लाडला, उसका राजकुमार… घर…
बर्फ़ के गोले नहीं, ये तो गर्मियों में मिले सेमल के उपहार हैं! बचपन में भी बहुत प्यारे लगते थे,…
गर्मी की तपती दोपहर। पाउडर-क्रीम, लिपस्टिक, काजल, से भरा भारी सा बैग कंधे पर लटकाए, घर-घर दरवाज़े खटकाती रानी। किसी…
अभिनंदन विंगकमांडर! ‘आज रह-रहकर आँखें फिर से छलकी जाती हैं! ये दुःख के नहीं, बहुत सारी ख़ुशी, और गर्व के…
सुना है, कल रोज़ डे पर गुलाब की जगह कमल बांटे गए सुना है, आजकल प्रेम का रंग भी लाल-गुलाबी…
An overwhelming trip to Prayagraj (Allahabad, UP) on the pious occasion of Kumbh, 2019.
“याद-ए-जलियाँ” “Yaad-e-Jallian” (New Museum at Redfort) आज नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की जयंती पर लाल किले पर प्रधानमंत्री मोदी जी…
उसकी आँखों में सपनीली सी चमक थी। सखी-सहेलियों के साथ लोहड़ी की धूम मचाकर घर वापस आई थी। घर लौटते…