‘ये क्या हैं? रुई जैसे मुलायम… गुलाबी सपनों से मनोहारी… इतने बड़े लॉलीपॉप? रुई के लॉलीपॉप?’ मेरा बालमन उन रुई…
आओ, आज फिर से भारत गौरव गान करेंमातृभूमि के ऋण चुकाएँ, कुछ तो ऐसे काज करेंआज़ादी की कीमत समझें, बलिदानों…
‘ये क्या हैं? रुई जैसे मुलायम… गुलाबी सपनों से मनोहारी… इतने बड़े लॉलीपॉप? रुई के लॉलीपॉप?’ मेरा बालमन उन रुई…
आओ, आज फिर से भारत गौरव गान करेंमातृभूमि के ऋण चुकाएँ, कुछ तो ऐसे काज करेंआज़ादी की कीमत समझें, बलिदानों…