आजकल श्राद्ध चल रहे हैं… अक्सर सवाल उठता है, ‘श्राद्ध क्यों? क्या पूर्वजों की आत्माएँ हमारे पास आयेंगी? क्या कुत्तों…
अंडमान में कुछ दिन… अपनी अंडमान यात्रा के दूसरे दिन हम दो-तीन जगह गए, जिनमें सबसे पहले सेलुलर जेल…
पोर्ट ब्लेयर, अंडमान में पहला दिन लंबे अरसे से अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह जाने की इच्छा थी… वहाँ के…
मनाएँ हिंदी दिवस अहो, हिंदी! पहचान के लिए भटकती हो? अपने ही घर में अपना अस्तित्व खोजती फिरती हो? अंग्रेज़ी…
कुछ किताबें, कॉपी, कुछ पेन और पेंसिलें ही नहीं… कुछ झिड़कियाँ, कुछ फ़ब्तियाँ… कुछ व्यंग्य और कुछ परिहास भी कुछ…
शिक्षक दिवस- मेरी समझ के कुछ बिखरे मोती… कुछ शिक्षा पद्धति की दरकार है तो कुछ ज़माने का दस्तूर……