शब्दों की दुनिया

शब्दों का ये संसार

शब्द अहसास हैं, अभिव्यक्ति हैं
वही चेतना हैं, और चेतना का संचार भी

शब्द विचार हैं... 
जो लेखनी में रच बस, पन्नों पर उतर जाते हैं
और, कभी सुरों में घुल संगीत बन जाते हैं.. 
कभी ढोल की थाप पर खनकते, 
तो कभी घुंघरुओं की रुनझुन में थिरकते सुनाई देते हैं।

शब्द प्रेम हैं, शब्द ही स्नेह, करुणा और स्पंदन हैं

लेकिन... 
शब्द ही नफ़रत में जल, क्रंदन बन जाते हैं। 
शब्द ही अक्सर दिलों को छलनी भी कर जाते हैं
अहंकार के वार से घायल कर जाते हैं... 
और कभी अपनों के शब्द घायल कर जाते हैं
तो कभी ख़ुद अपने ही शब्दों से आहत हुए जाते हैं।

#शब्द