कुछ अपने विषय में…
सांस्कृतिक शोध एवं लेखन को विशेष रूप से समर्पित।
वर्तमान में भारत सरकार के विभिन्न संग्रहालयों एवं ऐतिहासिक-सांस्कृतिक एवं सामाजिक विषयों पर आधारित विभिन्न परियोजनाओं के लिए शोध, अनुभव के लिए कहानी की रूपरेखा तैयार करना एवं लेखन कार्य में संलग्न।
अब तक चार उपन्यास प्रकाशित…
- ‘स्मृतियाँ’ (वर्ष 2013)
- ‘आतंक के साए में’ (वर्ष 2015)
- ‘खट्टे-मीठे से रिश्ते’ (जून, 2019) (प्रभात प्रकाशन)
- ‘ख़्वाहिशें अपनी-अपनी’ (जनवरी, 2020) (सामायिक प्रकाशन)
पाँचवा कहानी संग्रह झरोखे सद्यः प्रकाशित – (प्रभात प्रकाशक)
श्रीराम को समर्पित साझा संकलन “रोम-रोम में राम” में प्रकाशित आलेख – (प्रभात प्रकाशन)
पर्यावरण को समर्पित मासिक पत्रिका ‘प्रकृति दर्शन’ के लिए नियमित रूप से लेखन।
हिंदुस्तानी भाषा अकादमी, दिल्ली के साथ साहित्यिक सलाहकार के रूप में सक्रिय। अकादमी के कार्यक्रमों के आयोजन, मंच-संचालन एवं पत्रिका में नियमित योगदान।
विभिन्न प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं, जैसे साहित्य अमृत, दैनिक जागरण, जागरण सखी, प्रकृति दर्शन, पंजाब केसरी, मल्टीवर्सिटी, पुणे आदि, एवं विभिन्न ऑनलाइन न्यूज़ पोर्टल, जैसे सिर्फ़न्यूज़, युवाप्रवर्तक, लघुकथा.कॉम, आदि के लिए नियमित रूप से कहानियों, लेख आदि का लेखन। अब तक अनेक कहानियाँ, आलेख आदि प्रकाशित।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी साहित्य और संस्कृत साहित्य में ग्रेजुएट, एवं प्राचीन इतिहास में पोस्ट ग्रेजुएट, पत्रकारिता एवं जन-संचार में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा प्राप्त एवं सुप्रसिद्ध फ़िल्मकार कृष्णा शाह की फ़िल्म निर्माण कार्यशाला में दक्षता प्राप्त करने के साथ लगभग 25 वर्षों से विभिन्न विधाओं, प्रिंट, रेडियो, टेलीविज़न, एवं इंटरनेट पर लेखन का अनुभव।
अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं के लिए लेखन, पटकथा-लेखन, डॉक्यूमेंटरी/ कॉर्पोरेट/विज्ञापन आदि फ़िल्मों का निर्देशन, जिनमें प्रमुख हैं- फ़िल्म्स डिवीज़न, दूरदर्शन, एन.ऍफ़.डी.सी., गृह मंत्रालय, यू.एन.डी.पी., यू.एन.एड्स, डिस्कवरी चैनल, इग्नू, उपभोक्ता एवं खाद्य मंत्रालय, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, बी.पी.आर.एन.डी., एन.आई.ओ.एस, आदि।
अनेक संस्थाओं के लिए विभिन्न विधाओं में मौलिक लेखन एवं अनुवाद कार्य।

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